क्या Alcohol Consumption या शराब पीना गलत है?

Alcohol Consumption

Alcohol Consumption: ताई जी को कल रात बड़े फूफाजी और उनके दोस्तों के साथ शराब का गिलास पकडे देख मेरी पत्नी को बड़ा आश्चर्य हुआ और वो समझना चाहती थी कि शराब पीना सही है या बिलकुल गलत बात है! जब उससे रहा नहीं गया तो आज उसने ताईजी को बुलाकर पूछ ही लिया, की ताईजी अगर शराब पीना गलत है तो फिर आपके जैसे समझदार और स्वास्थय के प्रति सजग लोग क्यों करते हैं इसका सेवन? ऐसी कोई भी चीज़ जिसको समाज ने खराब माना हुआ है, हम जैसे शरीफों के घर में क्या कर रही है? ताईजी आप ही मुझे समझाओ, कि कल रात आपलोगों का शराब मंडली लगाना गलत था कि नहीं था?

अपनी पत्नी के तेवर देख कर मैं तो डर ही गया था, कि आज तो ताईजी इसके कपडे फाड़ देंगी, पर ऐसा नहीं हुआ! ताईजी ने बड़े अच्छे ढंग से कहा कि सुन बहू, मैं पहले तुझे ये बात समझा देती हूँ, फिर तू खुद सही गलत का फैसला कर लेना! समाज ने क्या माना है, मैं इसके हिसाब से नहीं सोचती, पर हमारी चतुराई शराब पीने को लेकर क्या अच्छा और क्या बुरा कहती है, ये ज़रूर गौर करने वाली बात होनी चाहिए! तू भी अगर समझदार होगी तो मेरी बात पे गौर ज़रूर करेगी, ताईजी ने कहा!

अंगूर, गन्ना, जौ, चावल, गेहूँ, आलू जैसी चीज़ों के खमीर (Ferment )करके एक पेय तैयार किया जाता है, उसी को शराब कहते हैं! अब अगर इंसानियत की दृष्टि से देखा जाये तो शराब बनाने में किसी भी तरह से किसी जीव या प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता, तो उस लिहाज से ये एक सामान्य पेय की तरह है जैसे गन्ने का जूस! शराब बनाने वाली चीज़ों का हर देश में भरपूर उत्पादन होता है इसलिए इसकी उपलब्धता भी बहुत कठिन नहीं है, ताईजी ने आगे बोलते हुए कहा!

अब अगर मैं बात करूं कि हमें इसको पीने से क्या मज़ा आता है तो सच बात तो ये है की इसका स्वाद बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता! वही दूसरी तरफ शराब की गंध भी, ना पीने वालों के लिए बड़े दुर्गन्ध से कम नहीं है, ताईजी बोलीं! लेकिन शराब पीने से इंसान के दिमाग और तंत्रिका तंत्र (nervous system) पर असर पड़ता है, जिससे पहले तो हल्की उत्तेजना और थोड़ी देर बाद आनंद का अनुभव होता है! मस्तिष्क में एक सुरूर सा चढ़ता है और पहले से ज़्यादा confident महसूस होता है! शरीर और मन भी बड़ा हल्का सा लगने लगता है! बस इसी मज़े के लिए लोग शराब पीते हैं, ताईजी ने लम्बी सांस लेते हुए कहा!

पर ताईजी, शराब पीने से लिवर तो ख़राब होता है न, ये भी तो बहुत गन्दी बात है, मेरी पत्नी ने तपाक से पूछा! ताईजी मुस्कुराते हुए बोलीं, की बेटा तुझे शायद पता नहीं है की किसी भी तेल के सेवन से हार्ट अटैक हो सकता है! किसी भी तरह का मीठा खाने से डाईबेटिस हो सकती है! किसी भी तरह का नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, ये सब पता हैं की नहीं, ताईजी पूछने लगी? लेकिन ताईजी ये सब तो नमक, चीनी या तेल जैसी चीज़ों के अत्यधिक सेवन से होता है न, मेरी पत्नी ने पूछा? ताईजी ने झट से कहा की बस बेटा, शराब पे भी यही बात लागू होती है, कि अत्यधिक सेवन का नुकसान ज़रूर होता है!

ताईजी ने समझाया की अगर आप सीमित मात्रा में लेते हैं तो शराब पीने(Alcohol Consumption) के बहुत सारे फायदे भी होते हैं!

• रेड वाइन में एक एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जिससे ह्रदय के स्वास्थय में सुधार होता है!
• सीमित मात्रा में ली गयी शराब आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL) को बढ़ाती है और इससे आपके ह्रदय को लाभ होता है!
• कम मात्रा में ली जाने वाली शराब डायबिटीज एवं सर्दी जैसे रोगों में भी फायदा पहुंचाती है!
• सीमित मात्रा की शराब से मिलने वाला सीमित नशा आपके मानसिक तनाव को कम करता है और आपको सहज महसूस करवाता है!
• कई तरह के शोधों में बताया गया है कि अच्छी शराब आपकी उम्र बढ़ाती है तथा पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करने में मदद करती है!


वैसे तो ये सब मेरी जानकारियां हैं और इनका मेरे पास कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन चतुराई भी यही कहती है कि शराब का थोड़ा इस्तेमाल, नुक्सान नहीं करेगा! अब, बहू तू ये पूछेगी कि, तूने तो आजतक शराब के नुकसान होते ही देखे हैं, लिवर ख़राब होकर लोगों का मरना ही देखा है, ताईजी कहने लगी? मेरी पत्नी ने भी झट से कहा, बिलकुल सही बात है ताईजी, मैंने तो बस नुक्सान ही देखे हैं! ताईजी कहने लगी की मैं तुझसे सहमत हू बहू, पर तू एक बात बता कि जब हम सबको ये बातें पता हैं की तला-भूना या Junk Food खाने से शरीर को नुक्सान है, फिर भी ऐसे कितने लोग हैं समाज में जो जंक फ़ूड बहुत ही कम मात्रा में खाते हैं? दुनिया की अच्छी से अच्छी चीज़ भी अत्यधिक मात्रा में ली जायेगी तो सेहत को खराब ही करेगी!

शराब पर भी यही बात लागू होती है, की ज़्यादा नशा करने के लिए बोतलें गटक जाना अनुशासनहीनता के लक्षण हैं! आप समाज में अगर 100 लोगों को जानते हो, तो उनमें से शायद 1-2 लोग मिलेंगे जो अनुशासित जीवन जीते हैं! बस फिर शराब पीने वाले 100 लोगों में भी शायद 2 ही मिलेंगे जो सीमित मात्रा में इसका सेवन करते हैं! 98% वो लोग हैं जो इसके नुक्सान की परवाह किये बगैर पिये जा रहे हैं! अब ज़्यादा संख्या बेरोकटोक पीने वालों की रहेगी, तो समाज को तो नुक्सान ही दिखाई देगा ना? क्यों बहु, ताईजी पूछने लगीं?

ताईजी के बातों में वजन था जिसको सुन के हम दोनों पति पत्नी दांग रह गए! इतने बेहतरीन तरीके से इस बात को समझा दिया, शायद इसीलिए तो मोहल्ले में लोग ताईजी को बहुत सम्मान की नज़रों से देखते हैं! मेरी पत्नी कहने लगी, की ताईजी, आपने तो मेरा नजरिया ही बदल दिया! हाँ बहु, पर शराब के नशे का एक बहुत ही गन्दा प्रभाव है जिसने इस समाज को गन्दा बना रखा है, और शराब को बदनाम, ताईजी ने आगे कहा!

एक कहावत भी है कि “अति सर्वत्र वर्जित”, मतलब ये है की हद से ज़्यादा कोई भी चीज़ हानिकारक ही होती है! फिर शराब के नुकसान भी तो इन्ही कारणो से होने लगते हैं? शरीर के सँभालने की औकात से ज़्यादा शराब पिओगे तो लिवर तो कुछ समय बाद खराब होना लगभग तय ही है! जब इंसान ज़्यादा शराब पीता है तो नशा ज्यादा होने के कारण उसका खुद पर नियंत्रण बहुत कम हो जाता है! खुद पर नियंत्रण खो देने का मतलब ही ये होता है कि आप अब इन सब चीज़ों पर से नियंत्रण खो चुके हैं-

  1. आप अपनी भावनाओं पर से नियंत्रण खो देते हैं जिसके कारण कुछ बुरा याद करके आप रोने लगते हैं, या फिर कुछ अच्छा याद कर के ज़्यादा ही खुश हो सकते हैं, नहीं तो आप कसी बात से नाराज़ होकर आक्रामक हो जाते हैं और लड़ाई झगड़े करने लगते हैं!
  2. आपका अपने सोच विचार पे नियंत्रण कम हो जाता है जिसके कारण आप सही और गलत का फर्क नहीं कर पाते और आपकी हरकतें लोगों को अजीब लग सकती है!
  3. व्यवहार पर से नियंत्रण खो जाने की वजह से आप रिश्तों की मर्यादा और सम्मान भूल कर गाली-गलौज, मार-पीट, या गलत व्यवहार की तरफ बढ़ जाते हैं!
  4. प्रतिरोध करने की छमता पर से नियंत्रण कम हो जाने के कारण आप कुछ ऐसा कर सकते हैं जिसे शायद आप अपने होश में रहते हुए कभी नहीं करते!

अब ज़रा सोच कर देखिये कि ये सारी गलतियां शराब की हैं या फिर हद से ज़्यादा नशा करने की उस इंसान की अनुशासनहीनता की गलती है? पर समाज को तो यही दीखता है न कि शराब पीने के बाद ही सामने वाला इंसान बहक कर गलतियां करने लगा और इसीलिए शराब के इस डरावने रूप से लोग दूर रहना ही बेहतर समझते हैं! फिर ताईजी ने लम्बी सांस लेते हुए कहा कि अब देख ले बहु, मैं तो उन लोगों में से हूं जो बहुत ही सीमित मात्रा में इसका सेवन (Alcohol Consumption) करते हैं! फिर भी अगर तुझे लगता है की मै गलत हूँ, तो ये तेरा अपना विचार है, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता!

मेरी पत्नी ने मुस्कुराते हुए कहा की ताईजी, जब भी हमे किसी बात पे संदेह होता हो तो हर बार आपके जैसा गहराई से समझने वाला सुलझा हुआ इंसान थोड़े ही न मिलता है? आज आपने ये सिखा दिया कि शराब का सेवन (Alcohol Consumption) गलत नहीं है, बल्कि गलत वो लोग हैं जो इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं! ताईजी की आँखों में एक सुकून सा था जैसे आँखें कह रही हों कि उनका इतना लम्बा लेक्चर व्यर्थ तो नहीं गया था!

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