पूजा नहीं, अच्छे कर्मों से बनोगे Strong Woman

Strong Woman Symbolic Image

हर किसी का सम्मान तो करती ही थी, सबकी जरूरतों का ध्यान भी रखती थी! मेरे पिता ने मुझे ये सिखा कर भेजा था की बेटा ऐसा कुछ भी मत करना की ससुराल से कभी तेरी शिकायत आये! इतने अच्छे संस्कार मिले थे मुझे की मैं तो चाह कर भी किसी का बुरा नहीं कर पाती थी!

क्योंकि अपनी आधी ज़िंदगी जो अच्छाई मैंने इस परिवार के लिए दिखाई थी वो सब मेरे लिए बुराईयाँ और अपमान ही लेकर आईं थीं! मैंने भी यही सुना था कि अच्छे के साथ अच्छा होता है और बुरे के साथ बुरा होता है पर मेरी ज़िंदगी ने तो मुझे कुछ और ही दिखाया! मेरे पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे पर उनकी कमाई इतनी नहीं होती थी की वो हमे भी अपने साथ शहर में रख सकें| वो मेरे दुसरे जेठजी के परिवार के साथ वहां रहते थे और महीने में एक बार आया करते थे|

जब मेरे बेटे का जन्म हुआ तो मैंने 1 साल अपने मायके में ही बिताया क्योंकि ससुराल में एक बच्चे के रहते तो ज़िम्मेदारियों के बोझ से मैं मर ही जाती! वहां गांव में मेरी सास, मेरे ससुर, मेरी बड़ी बहन, उसके 3 बच्चे और मैं रहा करते थे| पर कोई ऐसा दिन नहीं जाता था की घर में कलह न हुई हो| जहाँ एक ओर मेरी ननद लोगों का आना और आकर 6-6 महीनो तक रहना होता था! तो वहीं दूसरी ओर गरीबी और कमियों के कारण मेरी दीदी के बच्चे भी मुझसे आये दिन उलझा करते थे! मेरे साथ होने वाली तकलीफों को मेरे पति और मेरी दीदी बखूबी समझते थे और दीदी अक्सर मेरा पक्षः लेकर लड़ाई भी कर लेती थी|

पर मेरे पति कुछ बोल ही नहीं पाते थे क्योंकि वो परिवार को जोड़ कर रखना चाहते थे. मेरे पति परिवार के सभी छोटे बड़े लोगों को प्यार करते थे और कभी भी ऐसी बातें नहीं करते थे जो किसी..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *