शायद ऊपर वाले ने लिखा ही नहीं था| मेरे पति का सवाल ही यही होता था की, अगर तुम यहाँ से मेरे साथ निकल चलोगी तो बूढी माँ की सेवा कौन करेगा? मेरी सास के 3 बेटे और 3 बेटियां थी, सभी लोग उनका आदर और सम्मान करते थे, पर गाँव में रहकर या अपने साथ रखकर कोई भी उनकी सेवा की ज़िम्मेदारी लेने को आगे नहीं आया|
आखिर मैंने ही अपना दिल बड़ा किया और ये करने का जिम्मा उठाया| पर क्या ये सब देखते हुए भी मेरी सास का रवैया मेरे प्रति बदला क्या? मुझे घर में प्यार और सम्मान मिलने लगा था क्या? अगर मुझे मेरे हक़ का प्यार और सम्मान मिला होता तो शायद मैं कभी भी एक Strong Woman नहीं बन पाती! अच्छा कर्म करना आपका धर्म है और अच्छे कर्मों का फल मिलना भी तय है|

समय ने इम्तिहान लेना कहाँ छोड़ा है?
मेरी बेटी की शादी को 7 साल बीत चुके थे और मुझे अब किसी चीज़ की कमी नहीं थी| लेकिन मेरा निजी दुःख तो जैसे बढ़ता ही जा रहा था| मेरे पति के कारण मैं यहाँ गाँव में सड़ रही थी! मैं यहाँ सिर्फ और सिर्फ अपनी सास की वजह से रुकी थी, लेकिन मेरी सास की नज़र में मेरी कीमत दो कौड़ी की भी नहीं थी| मेरे शरीर में इतने सालों के struggle की वजह से कई बीमारियां हैं और मैं तो अब खुद भी बूढी होने लगी हूँ, पर 97 की उम्र में भी आज मेरी सास जस की तस हैं!
मैं ज़्यादा पूजा पाठ नहीं कर पाती, मैं ज़्यादा कठिन व्रतों के नियमों का पालन नहीं कर पाती, मैं चाह कर भी पति के साथ 3-4 महीने के लिए भी नहीं जा पाती! पर शायद मेरे सास-ससुर और परिवार की सेवा में ही मेरे जीवन की पूजा का फल छिपा है? मेरे पति और मेरे बच्चे मुझे वो प्यार और सम्मान देते हैं जो शायद लाखों औरतों के नसीब में नहीं है! मैं ये तो नहीं कह सकती कि मेरे बच्चे परिवार में सबसे अमीर हैं, पर ये ज़रूर कह सकती हूँ की वो सबसे ज़्यादा खुश हैं, और कर्मों का इससे बड़ा फल और क्या ही हो सकता है? मेरे पति और बच्चों की नज़र में मैं इस घर की असली लक्ष्मी हूँ|
मुझे लगता है की मेरी कहानी का सार यही है कि जीवन में आपके बड़े बुज़ुर्ग चाहे आपकी कदर करें या न करें, आप उनको बेसहारा न छोड़ें, क्योंकि किसी के साथ की गयी अच्छाई उसके द्वारा ही अच्छे बन के वापस आये ये ज़रूरी नहीं है! पर आपके द्वारा की गयी अच्छाईयाँ आपके लिए किसी न किसी और माध्यम से अच्छाइयाँ ही लेकर आएँगी ये तो निश्चित है! मेरी सास मुमुझसे चाहे जैसा भी बर्ताव करें, मैं अपना कर्म नहीं छोडूंगी! मेरे अच्छे कर्मों ने और जीवन की कठिनाईयों ने ही तो मुझे बनाया है एक STRONG WOMAN!!!!!!